आत्मनिर्भर भारत अभियानकी शुरुआत- पीपीई किट उत्पादनमे भारत पहुंचा विश्वमे दुसरी स्थानपर
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आत्मनिर्भर भारत अभियानकी शुरुआत- पीपीई किट उत्पादनमे भारत पहुंचा विश्वमे दुसरी स्थानपर
RH Team दी. २२ मई २०२०
वस्त्रोद्योग मंत्रालय ने एक बयान जारी करके यह जानकारी दी है की सिर्फ दो महिनोंके भीतर भारत पीपीई कीट के उत्पादनमे विश्वभर मे दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. कोरोंनाकी शुरुवाती दौरमे यह किट हमे चीनसे मंगवाए थे. पीपीई यांनी पर्सनल प्रोटेकटीव ईकवीपमेंट मे समाविष्ट पुरी शरीरको सुरक्षित करनेवाले ” बॉडी ओवरऔल” की नीर्मीतीमे भारतने यह सफलता हासिल की है. मंत्रालयके सूत्रोने बताया की दर्जा और संख्या ईन दोनो लक्ष्यकी प्राप्तीके लीये उन्होने पीछ्ले दो महीने लगातार प्रयत्न जारी रखे थे और उसमे सफलता प्राप्त हुई है.
टेक्स्टाइल कमीटीके सेक्रेटरी श्री अजित चौहान जो वस्त्रोद्योग मंत्रालयमे अडिशनल टेक्स्टाइल कमीशनर पदका कार्यभार समहाल रहे है उन्होने बताया की टेक्स्टाइल कमिटीके सामने बडी चुनौतीया थी. पहिली चुनौती सक्षम उद्योजक को ढुंढनेकी थी और दूसरी चीनसे ईसका मशीन प्राप्त करनेकी थी. दो महीनेकी अत्यंत अल्प समयमे टेक्स्टाएल कामिटीने यह दोनो चुनौतीयोंका सामना करते हुए सफलता हासिल की है.
टेक्स्टाइल कमिटी एक संवैधानिक कानूनन तैयार की हुई शासकीय कमिटी है. ऊसकी जिम्मेदारी टेक्स्टाइल और टेक्स्टाइल मशीनोंकी गुणवत्ता प्रमाणन के लीये प्रयोगशाला प्रस्थापित करने की है. और ईस कमीटीने बखुबी निभाया है. चीनकी जो कंपनिया यह कीट बनाती थी उन्होने अन्य कोई विकल्प न होने के कारण जो नफाखोरी शुरू की थी उसको भारतने समाप्त किया है. कमिटीने कीटके क्वालिटीपर ज्यादा गौर किया है.
यह बॉडी ओवरऔल आरोग्य विभागके कर्मचारी और सभी करोंनासे झुंझनेवाले करोंना योधाओंके लिये महत्वपूर्ण है. भारत अभी ईनहे विदेशोंमे भी निर्यात कर सकता है. अपने देशमे लगने वाली सभी चिजे हम खुद बना सके ईस उद्देश्यसे श्री मोदीजी द्वारा शुरुकिये हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान की यह एक गौरवशाली शुरुआत है.
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